#लायक़
कुछ तो है तेरे मेरे बीच, जो आज भी तेरे लिए तड़पता हूँ।
माना तेरे #लायक नहीं हूं, पर तेरे बिना बिकुल अधूरा हूँ।
दोस्तों को बोलता हूं कि ठीक हु, उसके बारे में अब नहीं सोचता हूँ।
हफ्ते महीने साल, हक़ीक़त में तेरे बारे में ही सोचता हूं।
माना बीत गए सालो पर ये उम्मीद आज भी बाकी है।
अधुरा हु तेरे बिना, तुझे पाने की तड़प नहीं जाती है।
तेरे घर आकर बस इतना फ़ायदा मेने उठाया था।
तेरी आँखों में देखकर तेरी रूह को मैने चाहा था।
नहीं आता था मुझे उन दिनों प्यार जताना।
फिर अपने प्यार की गहराई को कैसे बता पाता।
अपनी जिंदगी संभालते सँभालते तुझको खोकर बैठा था।
तेरे बिना में हमेशा घुटकर जीता था।
जीवन में मैं कहा तेरी तरह सोच पाता हूं।
तू भूल गयी पर में कहा तूझे भूल पाता हूं।
तु थी सबसे प्यारी चीज़ मेरे जीवन की।
तुझे खोकर में चैन से कहा जी पाता हूं।
हज़ारो दिल टूटते है यहाँ पर।
में अपने दिल को अभी तक जोड़ नहीं पाया हूं।
तेरी यादों को गले लगाकर, अभी भी सुबक कर रोता हु।
अपनी पीड़ा तुझे बताने को में रोज तड़प तड़प के मरता हु।
कमजोर नहीं था कमजोर हो गया हु।
खुश रहने के लिए में अब बहुत तरसता हूं।
सालो पहले चाहा था, आज भी तुझको चाहता हु।
अधूरा हु तेरे बिना, तेरे बिना में कहा जी पाता हूं।
उम्र के हिसाब से समझदारी दिखा नहीं पाता हूँ।
अपना पुराना प्यार में अभी भी भूल नहीं पाता हूँ।