क्रूर/निष्ठुर/निर्मम

किसी का खेल हो, जब,
किसी की जान ले लेना।
भोजन फेंकना लेकिन,
किसी भूखे को ना देना।
तो ऐसा कार्य निष्ठुर है,
और ऐसी सोच है निर्मम।

भोजन के लिए जब,
जीव कोई मारते हैं हम,
जीने के लिए इसकी,
इजाज़त देंगे सारे धर्म।
मगर आनंद की खातिर,
अगर करते हैं ऐसा कर्म,
तो जीवन व्यर्थ ही है फिर,
यही है क्रूरता चरम।

#Ruthless

Hindi Poem by Yasho Vardhan Ojha : 111470613
Brijmohan Rana 4 years ago

बेहतरीन चित्रण ,शानदार सृजन ,वाहहहहहहहहहहहह

shekhar kharadi Idriya 4 years ago

यर्थाथ सृजन..

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