#जन्माष्टमी स्पेशल 🙏🙏

तेरे दर पे आ गए है
तेरी मर्ज़ी चाहते है
जो ना पा सके खुद ही से
वो तुझसे मांगते है...

लाखों तेरे दिवाने
सरताज बन हैं बैठे
हम तो तेरे चरण की
बस धूल मांगते है...

भुले का तू सहारा
हाथ उसका थाम लेता
बस इस वज़ह से ही हम
इक भुल मांगते है...

है करम का बादशाह तू
हम जानते हैं फिर भी
रेहमत के हार से बस
इक फूल मांगते हैं...

Hindi Religious by Amar Kamble : 111538823

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