ऐ मुकीम-ए-दिल तेरी उदासी की वजह क्या है
अगर वजह हूँ मैं तो तु बता मेरी सज़ा क्या है

बस मुस्कानें ही तो मांगी थी तेरे लिये फ़लक से
सर्द जाम-ए-अश्क मैं तेरे भला मुझे मज़ा क्या है

कैसे मनाऊं खुशिओं के तेरे आँगन में लाने को
ज़ुबां पर तो कभी ला मेरे लिए तेरी रज़ा क्या है

दिल दुखा के खुदका क्यों मुझे तड़फ़ाते हो
मेरा भी दिल है,यह सितमगर अदा क्या है।

Hindi Shayri by Sandeep Shrivastava : 111576199

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