आखिर क्यू ????
जीवन मे बहोत सारी बातें ऐसी होती है जो मन न चाहे फिर भी माननी पड़ती है, हलचल मची होती है फिर भी सबके साथ मुश्कुराके रहना पड़ता है।
जीवन मे कही बार ऐसा भी होता है की पूरा मन लगाकर महेनत हम करते है और उसका श्रेय कोई ओर ले लेता है। हम सिर्फ देखते रह जाते है क्योंकि वहां पर कुछ बोलने का मतलब ही नही होता।
जीवन मे कही बार ऐसा भी होता है लुटाने में सबकुछ लूटा देते है बहोत खुश होते है। पता है कि हम लूटते जा रहे है फिर भी संतोष होता है कि वो अपने आज कितना खुश है।
फिर भी दिल बच्चा है कभी कभी पूछता ही है “आखिर क्यू”?????
-Shree...Ripal Vyas