सूरज के शोलों से तपते हैं वो रेगिस्तान में,,,
तब हम घर में होली जला पाते हैं!!!!
खेलते हैं होली खून से सरहद पर, गोली सीने पर खाकर,,,
तब हम गलियों में गुलाल उड़ा पाते हैं!!!!
होली की शुभकामनाएं हमारे वीर,,बहादुर शेरों को,, जो खड़े हैं डटकर चट्टान से,, हमारी सुरक्षा में!!!!