बहुत दुख होता है,,,
ह्रदय को शरमिंदगी का धक्का लगता है,,,
हमारे खोखले विचारों को
निस्वार्थ कर्म का एक जोरदार थप्पड़ पड़ता है,,,
जब,,,,
राष्ट्र को अपना घर, परिवार और प्राण तक न्यौछावर कर देने वाला कोई सैनिक, कोई शूरवीर ये कहता है कि,,,
हम तो सिर्फ मौत के लिए बने हैं,,, क्युंकि जब मौत आएगी तभी तो हमारा नाम लिया जाएगा,, याद किया जाएगा,,,,
"""इस देश में,समाज में सम्मान पाने के लिए एक सैनिक को "शहीद" होना ही पड़ता है।"""
((सच में दिल को कुछ चोट सी लगती है।))
-Khushboo bhardwaj "ranu"