रातों रात तकदीर बदल गई
देखते ही-देखते
तस्वीर बदल गई।
खुशियों से भरी जिंदगी,
गमगीन हो गई।
तेरे कफन से मिलती
साड़ी नसीब बन गई।
सजा रखी थी आरती,
तेरे आने के इंतजार में
उसकी लौ तेरी चिता की आग बन गई।
जी रही हूं झूठे दिलासे में,
एक बार आ कर तो देख,
तेरे बिना
दुनिया रंगहीन हो गई।
अनीता
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