एक मुस्कराहट 
आज फिर 
तुम्हारे नाम की 
सजी है मेरे लबों पर
कुछ शैतानियों के
आज फ़िर पकड़े हैं कान,
कुछ बूंदे बरसीं हैं
खामोशी से
तेरी यादों की,
मन ही मन 
बना रही हूँ कोलाज़
रूठने और मनाने की 
तस्वीरें लगाकर ..
इन लम्हों को 
मित्रता दिवस की
मुबारकबाद जो देनी है !!!
...
© सीमा 'सदा'
#मित्रता_दिवस

Hindi Poem by Seema singhal sada : 111737395
shekhar kharadi Idriya 3 years ago

बहुत खूब..एवम मित्रता दिन की हार्दिक शुभेच्छा 💐🙏

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