मेरे होने में यह पौधा भी शामिल है।रूम में एक सदस्य का दर्जा दिया है। सुबह हम दोनों पानी साथ में पीते है। अंधेरा होते ही पौधे की पत्तियाँ सिकुडने लगती है। मानो इनका दिन ख़त्म होने के बाद सभी सोने कि तैयारी में जुट जाते है।
इसलिए रात में दफ़्तर से लौटने पर धीमे क़दमों से रूम में प्रवेश करता हूँ, ताकि वक्त से पहले उठ ना जाए। जिस दिन शोर करते हुए पहुँचता हूँ, सभी पत्ते गहरी नींद से जागे हुए मिलते है। इन्हें फिर सुलाना मुझे कभी नहीं आया। अगर ये रात में जाग उठे तो फिर लंबे समय बाद इनके पत्ते सिकुड़ते है। मैं कई दिनों तक पत्तों का सिकुडने ही देखता रहा। मुझसे पहले यह पत्ते सुबह उठ जाते है। इन पौधों की अपनी एक ख़ुशबू है, जो पूरे कमरे में महकतीं है। उस ख़ुशबू में पौधे की उपस्थिति शामिल है। मै इसे महीनों से महसूस कर रहा। पौधे के प्रति मेरा व्यवहार मानव के तरह है। मेरा लगाव उन चीजों से अधिक जहां दुख की गुंजाईश शुन्य होती।

Hindi Good Morning by Lalit Rathod : 111752354

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