दिन मै राम रात को रावण
दोपहर को शमशान बना दिया
जहां देश मै इंसानियत न हो ।
वहा इंसान बना दिया
मा से ममता मा से मानव
मा से मेरा बना दिया
जहां देश मै आतंक न हो
वहा पर आतंक फैला दिया
मै ओर मेरी कहानी
मुझे गुमनाम बना दिया
ना देश मै एशी सरकार हो
जहां इंसान से इंसान लड़ा दिया