आजकल एक पोस्ट बहुत देखने को मिल रही है हर किसी के मन की बात जान पड़ती है | सोचती हूँ उस क्यों पर विचार कर लिया जाये : -

इसलिए जरूरी है कि सार्वभौमिक सतभाव नही है |
इसलिए जरूरी है कि पवित्रता जीवन और विचार से लगभग समाप्त हो चुकी है |
इसलिए जरूरी है कि स्वार्थ से ऊपर दृष्टिकोण बची नही ,
इसलिए जरूरी है की पवित्रता, दृष्टिकोण की सार्थकता , प्रेम की मौलिकता को बचाये रखना है |

इसलिए जरूरी है कि अनाम झूठा प्रपंच रच उसका दुर्पोयोग न कर सके |
इसलिए जरुरी है कि हम स्वंय से ऊपर उठकर सोचे |
इसलिए जरुरी है कि समाज मे सतभाव, सतविचार , प्रेम का
आदर्श रूप स्थापित हो |
इसलिए की हर एक मे कृष्ण बनने का सामर्थ्य नही , इसलिए जरुरी है कि हृदय मे पवित्रा , प्रेम नही , इसलिए कि माँ राधा सबके हृदय मे निवास नही करती |

"हाँ जरुरी नही है यदि रिश्ता भौतिक (देहिक) न होकर केवल आत्मिक हो |"

Hindi Questions by Ruchi Dixit : 111811546

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