श्री कृष्णा कहते हैं की में सभ
प्राणियों को समान रुप से देखता हुं,।
ना कोई मुझे कम प्रिय है ना अधीक लेकिन जो मेरी प्रेम पुर्वक आराधना करते हैं, वो मेरे भीतर रहते हैं, ओर में उनके जीवन में आता हुं.
चाहो तो शबरी पुछ लो, चाहो तो मीरा हो...
जय श्री कृष्णा 🙏🚩