कदर इस कदर भी न थी,
हमारी उन्हें।
बातें बदलते रहे,
जज्बातों से छलते रहे।।
#पीड़ा_मन_की
#दर्द_छलक_जाता_है
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111828425

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