जोर नहीं लिखता,
मैं शोर नहीं लिखता।
बीत रही जिंदगी,अंधेरों के साये में,
इसी तकल्लुफ में,मन भोर! नहीं लिखता।।
#पीड़ा_मन_की
#दर्द_छलक_जाता_है
#जिंदगी_सें_शिकायते
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111832805

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