कहा जाता रुहानी इबादत
पाकिजा मोहब्बत को
इश्क़ का मुकाम कभी नहीं मिलता
जिस्मों की चाहत को .....
मुस्ताक अली शायर....

Hindi Shayri by M BOSS मुस्ताक अली शायर : 111862125

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now