सादर वन्दन सहित मंच में सभी को आदर सहित समर्पित कृपया लघु रचना आकलन, समालोचना अपेक्षित है --
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जिंदगी का अक्स हकीकत के आइने में
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तलबा-ए-कमाल में गमऐ, कहाँ का सुकून पाया
जमाल-ए-लम्हा छुपाले, ख्वाबों में वो शोर आया।
बेदर्द ख्वाब जो हवा में घुले, सराबा से कम नहीं
हकीकत-ए-दिल के राज़ ऐ, सुरो में जाम छाया।
एतेराम ए इतेहाद जो गढ़े, प्यास का दायरा दिखा
मंजिलें करीब आईं देखे, सुकून का सफर बेजा गया।
कामयाब की आदत में, खाली रहा ये जोंक ए शहिया
सर-ए-तस्लीम झुकने से, मिला सुकून-ए-तंहाईया।
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प्रतिदिन आहार में संभव करे कि साबुत अनाज जिसमें जौ, ज्वार, मक्का, बाजरा, चना मूंग मोठ आदि स्थानीय बतौर उपज को अपने भोजन में रोटी दलिया और राब में स्थान देवें और उत्तम जीवन के साथ आदर्श, स्वस्थ्य और समग्र जीवन को अग्रसर सभी रहे यदि साद्र प्रार्थना-सविनय निवेदन है ।
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जुगल किशोर शर्मा, बीकानेर
मननं कुरु, चिन्तनं कुरु, कर्मभावं धारय the importance of reflection, contemplation, and maintaining the spirit of action (karma). - लोकः समस्ताः सुखिनो भवन्तु में समाहित सहज सनातन और समग्र समाज में आदरजोग सहित सप्रेम स्वरचित