🌹 दिल की राहों में - ग़ज़ल🌹
**मत पूछो दिल का हाल, ये कहाँ बयाँ होता है,**
**हर साँस में दर्द छुपा, हर आह निशाँ होता है।**
**रातों को जागता हूँ तेरे ख़यालों के सहारे,**
**चाँद भी मेरा हमसफ़र, पर तू पर्दानशीं होता है।
**मिलने की दुआ करो, ये वक़्त गुज़र जाएगा,**
**फिर वो मुस्कुराहटें, फिर वो अंदाज़ होता है।**
**देखा है सपनों में कई बार तेरा चेहरा,**
**जागने पे आँखों में सिर्फ़ धुँधला सा होता है।**
**तन्हाईयों में भी तेरी याद संग रहती है,**
**हर शाम यहाँ कोई न कोई फ़साना होता है।**
**लिखता हूँ हज़ारों ख़त मगर भेजता नहीं,**
**हर लफ्ज़ में तेरा नाम, हर लफ़्ज़ गवारा होता है।
**दर्द-ए-हिज्रां का शिकवा भी क्या करूँ मैं,**
**जब भी सुनाता हूँ, सुनने वाला बेज़ार होता है।**
**ज़िन्दगी की राहों में अब साथ तेरा नहीं,**
*हर मोड़ पे लगता है कोई न कोई ग़म नया होता है।
**तेरे जाने के बाद ये दिल उदास रहता है,**
**हर मौसम में अब तो बस एक ही रंग होता है।**
**देख कर तेरी तस्वीर आँखें भर आती हैं,**
**ये दिल भी क्या कमाल है, कितना नादाँ होता है।
**कितनी बार समझाया मैंने इस दिल को,**
**फिर भी ये तेरे प्यार में दीवाना होता है।**
**तेरे बिन जीना मुश्किल, तेरे बिन मरना भी,**
**हर हाल में ये दिल तेरा ही दीवाना होता है।**
**ये जो दूरियाँ हैं हमदम, मिट जाएँगी एक दिन,**
**वो वक़्त भी जल्द अज़ जल्दआएगा **
**फूल खिलते हैं बाग़ में, पर महक तेरी नहीं,**
**हर ख़ुशबू में अब तो बस तेरा ही ग़म होता है।**
**देखा है सपनों में कई बार तेरा चेहरा,**
**जागने पे आँखों में सिर्फ़ धुँधला सा होता है।**
**तुम मिलो तो जहाँ में रौनक़ आ जाए,**
**वरना ये ज़िन्दगी तो बस एक सितम होता है।**
**कितने अरमान लिए है इस दिल में तेरे लिए,**
**हर ख़्वाहिश में अब तो बस तेरा ही नाम होता है।
**दर्द भरे इस दिल को अब कोई समझे तो सुहैल,
*वरना ये दर्द-ए-हक़ीक़त भी अब फ़साना होता है।
**मन कहता है पर दिल ये बेकरार मेरा,**
**तेरे बिन जीने का कोई सहारा नहीं होता है।**
**बस अब इंतज़ार है तेरा, न ही कोई ख़्वाहिश,**
**बस ये दिल ही दिल है, जो तेरा दीवाना होता है।
लेखक, सुहेल अंसारी।सनम
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