सनातनी_जितेंद्र Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

सनातनी_जितेंद्र Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful सनातनी_जितेंद्र quote can lift spirits and rekindle determination. सनातनी_जितेंद्र Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

सनातनी_जितेंद्र bites

महक रही मिट्टी की खूशबू,
भयी धूमिल-धूल उजियारी है।
बहक रहे मनभीत मीत,
होली-दीवाली आयी है।।
छुपे ओट हैं खोट सभी,
चहुंदिश हरियाली छाई है।
चहक रहीं चिड़ियों की चह-चह,
वर्षा ऋतु खुशियां लाई है।।
#रंग_खुशियों_के
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दे देते हैं कलेजे का टुकड़ा,
सर झुकाकर स्वयं का,
खुद को विरान करके सजा देते हैं,
घर किसी और का।।
तोलते हैं इन्हें वही,
बचा न जिनमें बाकी निशान है।
बिक जाते हैं!..जो बेटियों के लिए,
वो पिता बड़े महान है।।
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ना राज हूँ ना नाराज हूँ,
तु तख्त मैं तेरा ताज हूँ।
जो कल था वही आज हूँ,
तु स्वर मेरी मैं साज हूँ।
तेरे संग ही आबाद हूँ,
ए-जिंदगी मैं तेरे बाद हूँ।
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सर्पेष्टि यज्ञ नियोक्ता मैं जनमेजय.....
बन काल-विकराल धर्म पर आया,
बहुभांति कुचक्र अधर्म ने फैलाया।
सभी स्तंभ जब डिगने लगे,
पग एक में ही सिमटने लगे।
था रोका परीक्षित ने मगर,
मन ब्याल से छला गया।
मुंख काल में चला गया.....सर्पेष्टि..
असत्य अभिमान में चूर था,
न जन-मानस से साया दूर था।
धुंधलाई चहुमुंख बढ़ने लगी,
सतियों के सत हरने लगी।
दिखता न ही कोई ठौर था,
बन एक ठिकाना था आया।
शास्त्र का पाना था लाया.....सर्पेष्टि..
1-क्रमशः......✍️
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वो कहता रहा...
दर्द सहता रहा।
प्यार होता नहीं है जताने से,
समझ आता नहीं ये बताने से।
टूटने-रुठने और मनाने से,
ना ही किसी भी बहाने से।
बस हो जाता है यार......
किसी अजनबी से अपनेपन वाला प्यार।।
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ग़लतफ़हमियाँ बढ़ रही हैं...
विश्वास अधर में है लटका हुआ।
नफरती लहर हो चली है कहर,
है परेशानियों का पहर।
सुलगते हुए अंगारों पे,
जिंदगी की गाड़ी चल रही है।
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मोहब्बत की आरजू लिए,चल रहा था मन..
बेगारी अवारगी ने, सब तमाम कर डाला।।
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