कभी-कभी कोई अजनबी, जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा बन जाता है...
और फिर, सबसे दर्दनाक भी।
मैंने उसे पहली बार कॉलेज की लाइब्रेरी में देखा था। वो भीड़ में नहीं थी, लेकिन फिर भी सबसे अलग लग रही थी। हल्का नीला सूट, खुले बाल, और हाथ में एक किताब — "Love Story"। उस दिन लाइब्रेरी में बहुत शोर था, लेकिन उसके पास एक अजीब सी शांति थी। जैसे उसके आसपास की आवाज़ें उसे छू ही नहीं पा रही थीं।
उस पल में मैंने पहली बार किसी को इतने ध्यान से देखा।
ना जाने क्यों, उसकी आँखों में अजीब सी थकान थी — जैसे वो कुछ कहना चाहती हो लेकिन कह नहीं पा रही।ऐसा लग रहा था जैसे कोई अधूरी कहानी उसकी आँखों में बंद हो, जो बस फूटने ही वाली हो।
मैं बस उसे देखता रहा... और अगले ही पल, उसने मेरी नज़रें पकड़ लीं और हल्के से मुस्कुरा दी।
नहीं, वो हँसी नहीं थी।
वो सिर्फ एक हल्की सी acknowledgment थी... जैसे उसने मुझे देख तो लिया हो, पर अपनी दुनिया में आने की इजाज़त अभी नहीं दी।
मैं सेकंड ईयर में था, और वो शायद पहली बार कॉलेज आई थी। हर फर्स्ट ईयर वाली लड़की की तरह नहीं थी वो। ना कोई ग्रुप, ना कोई दिखावा... बस अकेली।
किताबों के साथ। जैसे उसकी दुनिया किताबों के पन्नों में ही बसती हो।
तीन दिन तक मैं रोज़ लाइब्रेरी गया, सिर्फ उसे देखने के लिए। वो हर बार उसी कुर्सी पर बैठती थी — खिड़की के पास वाली — जहाँ से हल्की धूप आती थी और उसका चेहरा सुनहरा सा लगने लगता था।
उसकी वही जगह... वही किताब... वही ख़ामोशी।
चौथे दिन, मैंने खुद को रोक नहीं पाया।
मैं धीरे-धीरे उसके पास गया और बोला, "Excuse me... आप ये किताब रोज़ पढ़ती हैं?"
उसने मेरी तरफ देखा, थोड़ी देर तक चुप रही... फिर बोली
"कुछ कहानियाँ पढ़ने के लिए नहीं होतीं... सिर्फ महसूस करने के लिए होती हैं।"
उसका जवाब सीधा दिल के आर-पार चला गया।
मैं वहीं रुक गया। बोलने के लिए कुछ बचा ही नहीं था।
हमारी बातचीत वहीं खत्म हो गई, लेकिन मेरी बेचैनी वहीं से शुरू हुई।
मैंने उस दिन जाना कि पहली नज़र का प्यार सिर्फ फिल्मों में नहीं होता।
कभी-कभी वो लाइब्रेरी के कोने में भी मिल जाता है... बस फर्क इतना होता है कि वहाँ कोई background music नहीं चलता।
सिर्फ दिल की धड़कनें सुनाई देती हैं।
अब मैं उसे मिस नहीं करता...
मैं उसे महसूस करता हूँ। हर रोज़... हर पल।
उसकी वही खामोशी, उसकी वही किताब, और उसकी आँखों की थकान — सबकुछ आज भी मेरे ज़ेहन में वैसा ही है।
शायद कुछ लोग मिलते ही इसलिए हैं, ताकि वो कभी भुलाए ना जा सकें।
अगर ये कहानी दिल को छू गई हो, तो अगला पार्ट ज़रूर पढ़ना।
Review देना मत भूलना — यही आपका प्यार है।