**तू ही है वो***
**तू ही है वो बात जो लफ़्ज़ों से आगे है,**
दिल में बसी कोई धड़कन की तरह है।
**तेरा हँसना जैसे बारिश की पहली बूँद,**
मन की तपिश पर ठंडी सी राहत है।
**तेरी आँखों में जो खामोशी बसी है,**
वो कहानियों से भरी एक किताब है।
**तू जब पास होता है, सब कुछ ठहर सा जाता है,**
वक्त भी रुककर तुझमें समा जाता है।
**तेरे होने से हर दिन लगे त्योहार सा,**
वरना हर दिन बस एक सा गुज़रता था।
**मैंने तुझमें खुद को देखा है कई बार,**
तू आईना भी है, और तस्वीर भी।
**तेरी आवाज़ की ख़ुशबू में डूबा रहता हूँ,**
हर बात तेरी जैसे कोई गीत हो।
**तेरा नाम जब भी लबों पे आता है,**
दिल बिना वजह मुस्कुरा जाता है।
**तू नहीं होती तो शायद मैं भी अधूरा होता,**
तेरे साथ होने से मुकम्मल हूँ मैं।
**तेरे स्पर्श में जो गर्मी है, वो सूरज सी,**
और जो नर्मी है, वो चाँदनी सी।
**तेरी ख़ामोशियाँ भी बोलती हैं मुझसे,**
और मैं हर बार उन्हें सुन लेता हूँ।
**तू अगर ख्वाब है तो नींदें दुआ बन जाएं,**
तू अगर हकीकत है तो हर रोज़ ईद हो।
**इस मोहब्बत को क्या नाम दूँ, कुछ सूझे नहीं,**
तू मेरा सब कुछ है, पर सब कुछ भी कम लगे।
**तू ही वो अहसास है जो बिन कहे भी जीता है,**
तू ही वो साज़ है जो बिन छुए भी बजता है।
सुहेल अंसारी । सनम
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