तेरा नज़रों से यूँ शरमाना,
जैसे चाँद का बादल में छुप जाना
हर बार जब तू मुस्काए,
दिल मेरा फिर से बहक जाए।
तेरे लब खामोश सही,
पर आँखों में अफ़साना है।
नज़रों की उस झील में,
इक गहरा सा पैमाना है।
तेरी पलकों की वो झुकावट,
कह जाती है हर राज़ छुपा।
सदियों से जो दिल ने चाहा,
वो एहसास तुझमें मिला।
तू जब सामने आती है,
वक्त ठहर जाता है कहीं।
तेरा बस यूँ नज़र चुराना,
मुझको भाता हैं यही ।