🌿 कविता – छोड़ना भी एक जीत है 🌿
कभी लगता है…
सारी दुनिया का बोझ
हमारे ही कंधों पर रख दिया गया हो,
हर रिश्ता, हर उम्मीद, हर जिम्मेदारी
हमें खींचती रहती है—
और हम चुपचाप निभाते रहते हैं।
पर अंदर से…
धीरे-धीरे दरारें बनने लगती हैं,
मुस्कान के पीछे आंसुओं का सैलाब छुपने लगता है।
लोग कहते हैं — "हिम्मत रखो"
पर कोई नहीं समझता,
कि हिम्मत सिर्फ पकड़ने में नहीं,
कभी-कभी छोड़ने में भी होती है।
छोड़ना मतलब हारना नहीं,
बल्कि अपनी टूटी हुई रूह को
फिर से जोड़ना है।
यह वो कदम है
जब इंसान अपने घावों को
मरहम देता है,
अपनी थकी हुई साँसों को
आराम देता है।
रिश्ते अच्छे लगते हैं,
सपने खूबसूरत लगते हैं,
पर जब वही हमें तोड़ने लगें…
तो उन्हें दिल से विदा कर देना ही
सबसे बड़ी बहादुरी होती है।
क्योंकि असली जीत वही है,
जब हम टूटकर भी उठ खड़े हों,
खुद को आईने में देखें
और कह सकें —
"हाँ, मैं बिखरा जरूर था…
पर मैंने खुद को फिर थाम लिया।"
_____दिल से कलम तक _____
✍️
प्रेमलता आर्मों
#DilKiBaat #Heartfelt #EmotionalQuotes #LifeTruth #SelfLove #BrokenButStrong #HealingJourney #Zindagi #InstaThoughts #DeepFeels #दिलसेकलमतक
#dilsekalamtak
#dilsekalamtak1 #PremlataArmoWrites #PremlataArmo #feelings #explorar #explore #instapost #poemoftheday #poems #fbpost2025シ