“इंसानियत: शटडाउन मोड में”
नेट की दुनिया में अब सुकून नहीं मिलता,
हर चेहरा नक़ली, हर लफ़्ज़ में छल मिलता।
फॉलोअर्स बढ़े, पर अपनापन घट गया,
दिल ‘ऑनलाइन’ रहा, पर एहसास ‘लॉग आउट’ हो गया।
हर स्टेटस में झूठी मुस्कानें हैं,
रिश्ते अब इमोजी के तराज़ू में तौले जाने हैं।
किसी की पोस्ट पर ‘लाइक’ तो सब कर देते हैं,
पर गिरता हुआ दिल कोई पकड़ नहीं लेता।
जब इंसान ‘शटडाउन’ हो जाए दिल से,
कोई ‘रिस्टार्ट’ करने हाथ नहीं बढ़ाता।
टेक्नॉलॉजी बढ़ी... पर तन्हाई भी साथ आई,
अब इंसानियत ‘ऑफ़लाइन’ होती जा रही है। 💻
— Nensi Vithalani