दुश्मन देश के भीतर है...
गाज़ा और फ़िलिस्तीन के लिए छाती पीटने वालों को ये आतंकवादी कभी नज़र नहीं आएंगे...
जब ज्योति मल्होत्रा, जो देशद्रोहियों के साथ पाई गई थी, गिरफ़्तार हुई, तो एक भी हिंदू यह नहीं कह रहा था कि उसे ग़लत गिरफ़्तार किया गया है, उसके साथ धोखा हुआ है। वो देशद्रोह हैी तो देशद्रोही ही है।
महबूबा मुफ़्ती कह रही हैं कि जिसने किया उसे सज़ा दो, उसके परिवार का क्या? तो सुरक्षा एजेंसियां किससे पूछे बहन? बताओगी? किस तरह आपके नौजवान भटक जाते हैं और फिर सीधे बम फोड़ देते हैं? सीधे गोलियाँ चला देते हैं? ऐसी ट्रेनिंग कहाँ दी जाती है?
सवाल तो पूछना ही होगा..
उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला की पूरी पीढ़ी यही धंधा करती रही और देश के दुश्मनों ने देश के लिए खाई खोदने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इन घटनाओं के बाद ये साबित हो गया है कि ये देशद्रोही चाहे पढ़े-लिखे हों या अनपढ़, बस इन्हें हूरों के सपने दिखा दो और बस ये जन्नत के नाम पे निकल जाएंगे...
ये लोग कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि हमारे बीच ये गंदगी फैली है और उस गंदगी को फैलाने में किसकी भूमिका है। इसमें कोई शक नहीं है कि गंदगी फैली है। और उनके अंदर ही हैं।
किसी भी देशप्रेमी को अपने सिर पर ये बातें लेनी नहीं चाहिए ये मेरे विचार हैं ... अगर आप देश के प्रति वफ़ादार रह सकते हैं, तो बस काफ़ी है, और अगर आप जय हिंद... वंदे मातरम... लिख सकते हैं, तो बस काफ़ी है।
आप अपनी पोस्ट में जो चाहें गंदगी फैलाने के लिए आज़ाद हैं। यहां फालतू ज्ञान न दे।
जय श्री कृष्ण...