अंतर्निहित

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आठ वर्ष पूर्व :- दूसरे दिन प्रात: ब्राह्म मुहूर्त से ही सेलेना की योग साधना प्रारंभ होनेवाली थी। सेलेना को रात्री भर निद्रा नहीं आई। कारण यह नहीं था कि पहाड़ पर सभी सुख सुविधा का अभाव था जिसकी वह अभ्यस्त थी किन्तु उस स्थान की अनुभूति ही कुछ विशेष थी और नए अध्याय की उत्तेजना भी। रात्री भर पहाड़ पर से व्योम को निहारती रही। चंद्र की गति, कुछ छूट पूट छोटे छोटे बादलों की क्रीडा, पहाड़ पर बिछी हुई श्वेत चंद्रिका, कभी भी न अनुभव की गई गहन शांति, शीतल मधुर वायु का मंद मंद स्पर्श, दूर दूर तक एकांत, पहाड़ों के पीछे व्याप्त अंधकार से देखती हुई क्षितिज, चंद्रमा के साथ साथ यात्रा पर निकले तारे।

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अंतर्निहित - 1

आठ वर्ष पूर्व :-दूसरे दिन प्रात: ब्राह्म मुहूर्त से ही सेलेना की योग साधना प्रारंभ होनेवाली थी। सेलेना को भर निद्रा नहीं आई। कारण यह नहीं था कि पहाड़ पर सभी सुख सुविधा का अभाव था जिसकी वह अभ्यस्त थी किन्तु उस स्थान की अनुभूति ही कुछ विशेष थी और नए अध्याय की उत्तेजना भी।रात्री भर पहाड़ पर से व्योम को निहारती रही। चंद्र की गति, कुछ छूट पूट छोटे छोटे बादलों की क्रीडा, पहाड़ पर बिछी हुई श्वेत चंद्रिका, कभी भी न अनुभव की गई गहन शांति, शीतल मधुर वायु का मंद मंद स्पर्श, दूर दूर तक एकांत, ...Read More

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अंतर्निहित - 2

[2]आठ दिवस पूर्व, पाकिस्तान में।पाकिस्तान पुलिस का एक छोटा सा दल पाकिस्तान के सीमावर्ती जिला कसूर के मार्ग पर गति से भारतीय सीमा की तरफ गति कर रहा था। दल में केवल तीन सदस्य थे जिसमें से एक गाड़ी चला रहा था।“जनाब, हम इतने धीरे धीरे क्यों जा रहे हैं? हमें वहाँ जल्दी पहुंचना चाहिए। मामला गंभीर .. ।”जूनियर रफिक ने अपने सीनियर सुल्तान से पूछने का साहस किया। सुल्तान के मुख के भाव कडे हो गए।“आगे होटल पर चाय नाश्ता करने के लिए गाड़ी रोक देना।” सुल्तान ने आदेश दिया। रफिक ने आश्चर्य से सुल्तान की तरफ देखा। ...Read More