तेरा मेरा सफ़र

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शहर के शोर-गुल से दूर, समंदर किनारे बसे छोटे से टाउन में कियारा की ज़िंदगी रुक-सी गई थी। होटल में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी उसके लिए रोज़ का वही घिसा-पिटा रुटीन लेकर आती थी—मुस्कुराकर “गुड मॉर्निंग” कहना, रजिस्टर में नाम दर्ज करना और मेहमानों के सवालों का जवाब देना। बाहर से सब कुछ सामान्य लगता, मगर अंदर से कियारा के मन में खालीपन था। कियारा अक्सर सोचती—क्या यही ज़िंदगी है? सिर्फ़ ज़िम्मेदारियाँ, और सपनों की यादें जो कहीं खो गई हैं? उसने बचपन से ही लिखने का शौक रखा था। डायरी में कहानियाँ, कविताएँ और अधूरी कल्पनाएँ भरती रहती थी। मगर मां-बाप के गुजर जाने के बाद छोटे भाई की ज़िम्मेदारी उसी के कंधों पर आ गई थी। यही वजह थी कि होटल की नौकरी उसके लिए सिर्फ़ काम नहीं बल्कि जीने का सहारा बन गई थी।

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तेरा मेरा सफ़र - 1

Ep1 – अनकही शुरुआतशहर के शोर-गुल से दूर, समंदर किनारे बसे छोटे से टाउन में कियारा की ज़िंदगी रुक-सी थी। होटल में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी उसके लिए रोज़ का वही घिसा-पिटा रुटीन लेकर आती थी—मुस्कुराकर “गुड मॉर्निंग” कहना, रजिस्टर में नाम दर्ज करना और मेहमानों के सवालों का जवाब देना। बाहर से सब कुछ सामान्य लगता, मगर अंदर से कियारा के मन में खालीपन था।कियारा अक्सर सोचती—क्या यही ज़िंदगी है? सिर्फ़ ज़िम्मेदारियाँ, और सपनों की यादें जो कहीं खो गई हैं? उसने बचपन से ही लिखने का शौक रखा था। डायरी में कहानियाँ, कविताएँ और अधूरी कल्पनाएँ भरती रहती ...Read More