That mountainous night and a terrifying truth in Hindi Thriller by Vijay Sharma Erry books and stories PDF | वो पहाड़ी रात और एक खौफनाक सच

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वो पहाड़ी रात और एक खौफनाक सच

यह रही आपकी 2000+ शब्दों की हिंदी कहानी, जिसमें संवाद, रहस्य, इमोशन और बॉलीवुड गीतों की झलक भी है।शीर्षक: “वो पहाड़ी रात और एक खौफनाक राज़”लेखक: विजय शर्मा एरी (Vijay Sharma Erry)भूमिका:चार दोस्त — अर्जुन, मानव, समीर और कबीर — कॉलेज के पुराने यार थे। सालों बाद प्लान बना कि सब मसूरी की वादियों में वीकेंड बिताएंगे। मस्ती, हँसी, पुराने किस्से और दोस्ती की चमक से भरा यह ट्रिप, अचानक डरावने रहस्य में बदल गया जब उनमें से एक की मौत हो गई... और बाकी फँस गए।प्रथम दिवस: सफर की शुरुआत(कार में चारों दोस्त, गाने चल रहे हैं)समीर (हँसते हुए): "भाई लोग! ये ट्रिप तो ज़िंदगी भर याद रहेगा!"मानव (ड्राइव करते हुए): "बस यार, टेंशन मत देना! मस्ती करो!"(रेडियो पर बजता है: "यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है..." - कोई मिल गया)कबीर: "यार, कॉलेज के दिन याद आ गए। तब भी ऐसे ही घूमते थे..."अर्जुन (हँसते हुए): "अब घूमने के बाद होटल में मर्डर मिस्ट्री मत बना देना!"(सब हँस पड़ते हैं)दूसरा दिन: पहाड़, बारिश और एक रातचारों एक सुंदर रिसॉर्ट में पहुंचते हैं। मौसम सुहाना है, हल्की बारिश और कोहरे की चादर।रिसॉर्ट मैनेजर: "सर, यहाँ आसपास के जंगलों में रात को बाहर मत जाइएगा। कुछ समय से अजीब घटनाएँ हो रही हैं।"कबीर (मजाक में): "मतलब ‘भूल भुलैया’ स्टाइल कुछ?"अर्जुन: "भूत नहीं इंसान ही सबसे बड़ा खतरा होता है।"(रात को कैंपफायर के आस-पास बैठते हैं, गाना चल रहा है – "साया भी साथ ना दे..." – डरावनी सी धुन)रात करीब 11 बजे अर्जुन कहता है –अर्जुन: "मैं ज़रा टहल के आता हूँ।"मानव: "अरे रात बहुत हो गई है, मत जा!"अर्जुन: "5 मिनट यार!"... और वो चला जाता है।अगली सुबह: लाश और सदमासुबह तेज़ चीख सुनाई देती है। रिसॉर्ट स्टाफ दौड़ते हैं जंगल की ओर। अर्जुन की लाश एक पेड़ के नीचे पड़ी होती है, खून से सना चेहरा।समीर (हक्का-बक्का): "ये कैसे हो गया... अर्जुन!"मानव: "किसने किया ये! हम तो बस मस्ती करने आए थे!"पुलिस तुरंत पहुंचती है। इंस्पेक्टर राठौर चारों दोस्तों को पूछताछ के लिए रोक लेता है।इंस्पेक्टर राठौर: "तीनों में से कोई तो झूठ बोल रहा है। एक मरा है, बाकी बचे हैं।"समीर (डरते हुए): "हमने कुछ नहीं किया सर!"(फ्लैशबैक में दिखता है – अर्जुन ने किसी को देख लिया था रात में जो जंगल से बाहर निकल रहा था)भागने की कोशिशरात के समय समीर और मानव भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन पुलिस पकड़ लेती है।इंस्पेक्टर: "अब तो तुम्हारी मुसीबत पक्की। कोर्ट में ही सच बाहर आएगा।"वकील बहन की एंट्री:मानव की बहन – अद्विका शर्मा, दिल्ली की नामी वकील है। उसे जैसे ही खबर मिलती है, वो तुरंत मसूरी पहुंचती है।अद्विका: "मेरा भाई निर्दोष है। मैं साबित करूँगी।"इंस्पेक्टर राठौर: "सिर्फ़ कानून के दांव-पेंच से नहीं, सबूत से बचेगा।"जांच और कोर्ट रूम ड्रामा:अद्विका को अर्जुन की मौत वाली जगह से कुछ फुटप्रिंट्स मिलते हैं। पास के कैमरे से एक फुटेज मिलता है – एक आदमी अर्जुन के पीछे-पीछे जंगल में जा रहा था। चेहरा ढका हुआ।अद्विका: "इस केस में एक तीसरा आदमी भी था, जो चार दोस्तों में नहीं था।"जज: "आपके पास कोई गवाह है?"अद्विका: "जी, रिसॉर्ट की वेटर – पारुल। उस रात उसने उस आदमी को जंगल से बाहर आते देखा था।"पारुल: "हाँ साहब, मैंने देखा था। वो अर्जुन साहब के पीछे गया था। लेकिन वो कोई और था, दोस्तों में से कोई नहीं।"रहस्योद्घाटन:अद्विका एक DNA रिपोर्ट पेश करती है – अर्जुन की शर्ट पर मिले खून और बाल किसी ‘राहुल ठाकुर’ नामक व्यक्ति के हैं – जो रिसॉर्ट में ही काम करता था।अद्विका: "राहुल ठाकुर, अर्जुन को जानता था। अर्जुन ने उसे किसी गुनाह करते पकड़ लिया था, इसलिए वो डर गया और..."राहुल (पुलिस के सामने टूटकर): "हाँ, मैंने ही मारा... वो मुझे पहचान गया था... अगर बताता तो मेरी ज़िंदगी खत्म हो जाती।"निर्दोष मुक्तकोर्ट तीनों दोस्तों को निर्दोष साबित कर देता है।जज: "समीर, मानव और कबीर को इस केस से बरी किया जाता है।"अद्विका (भाई को गले लगाते हुए): "देखा? सच की हमेशा जीत होती है।"(पार्श्व में गाना बजता है: "जीते हैं शान से, करते हैं प्यार से..." - त्रिदेव)अंतिम दृश्य: यादें और एक दोस्त की कमीतीनों दोस्त रिसॉर्ट से निकलते हैं। एक खाली कुर्सी अर्जुन की याद दिलाती है।मानव (आँखों में नमी): "अर्जुन नहीं रहा... लेकिन उसकी यादें हमारे साथ हैं।"समीर: "अब अगर कभी फिर घूमने चले भी गए... तो वो हमेशा हमारे साथ होगा..."(पार्श्व में बजता है: "तेरे जाने का ग़म और न आने का ग़म..." - फिल्म: आराधना)समापन:एक मस्ती भरी ट्रिप कैसे रहस्य और खौफ में बदल गई, लेकिन न्याय और रिश्तों की ताक़त ने अंधेरे को हराया।लेखक:✍️ विजय शर्मा एरी📜 प्रमाणपत्र संख्या: VSE-2025-007📌 पता: अमृतसर, पंजाब