Chain snatching gang busted in Hindi Adventure Stories by Vijay Sharma Erry books and stories PDF | चैन स्नेचिंग गिरोह का पर्दाफाश

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चैन स्नेचिंग गिरोह का पर्दाफाश

कहानी: “चेन स्नैचर्स का पर्दाफाश”✍️ लेखक: विजय शर्मा एरी(2000 शब्दों में प्रेरणादायक सामाजिक कहानी)प्रस्तावनाउत्तर भारत का एक छोटा सा शहर "शिवनगर", जहाँ अब तक लोग अपने दरवाज़े खुले रख कर सोते थे, वहाँ अचानक कुछ महीनों में एक अजीब डर का माहौल छा गया।माँ-बहनें बाहर जाने से डरने लगीं, मंदिर के रास्ते पर सन्नाटा छा गया। वजह थी – चेन स्नैचिंग की बढ़ती घटनाएं।शहर में डर का साया"शिवनगर की गली नंबर 4 में फिर एक महिला के गले से चेन छीनी गई।""सुबह की सैर पर निकली वृद्धा से बाइक सवार दो युवकों ने सोने की चेन झपट ली।"हर दिन अख़बारों में यही खबरें छपने लगीं। पुलिस केवल "जांच जारी है" कहती रही।कहानी के दो नायक – अर्पित और वीरशहर के दो नौजवान, अर्पित और वीर, बचपन से दोस्त थे। दोनों ही टेक्नोलॉजी में अच्छे थे और कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ CCTV कैमरे लगाने का छोटा-सा स्टार्टअप चलाते थे।एक दिन जब वीर की माँ से भी मंदिर के बाहर चेन छीनी गई, तब उनका धैर्य टूट गया।वीर (गुस्से में): "अब बहुत हुआ यार अर्पित, पुलिस तो बस खानापूर्ति कर रही है। हमें कुछ करना होगा।"अर्पित (संकल्प में): "सही कहा, अब हम इन्हें बेनकाब करेंगे। टेक्नोलॉजी हमारी ताकत है!"प्लानिंग की शुरुआतदोनों ने पिछले 3 महीने की सभी घटनाओं की लिस्ट बनाई और पता चला कि अधिकतर वारदातें सुबह 6 से 8 बजे और शाम 6 से 8 बजे के बीच हुई हैं।वे इन घटनाओं के स्थानों को Google Map पर मार्क करने लगे। उन्हें एक पैटर्न दिखा – अधिकतर घटनाएं मंदिरों, पार्कों और बाज़ारों के पास हुई थीं।अर्पित: "वीर, अगर हम इन इलाकों में अपने कुछ स्पाई कैमरे छुपा दें, तो शायद कुछ सुराग मिले।"वीर: "और मैं एक मोबाइल एप बनाता हूँ जिसमें लोग तुरंत लोकेशन और विवरण रिपोर्ट कर सकें।"खतरों भरी शुरुआतवीर और अर्पित ने बिना पुलिस की मदद लिए, कुछ दुकानदारों और पार्क के केयरटेकर से मिलकर 5 जगहों पर कैमरे लगाए।उन्हें कैमरों को छिपाना पड़ा ताकि कोई उन्हें निकाल न सके।5 दिन बीते… 6वें दिन कैमरे में दो हेलमेट पहने युवकों की फुटेज मिली, जो एक महिला की चेन छीनकर भागते दिखे। बाइक का नंबर भी कुछ-कुछ दिखा।टेक्नोलॉजी का कमालवीर ने फुटेज को साफ करने के लिए अपने कॉलेज लैब से एक AI-सॉफ़्टवेयर की मदद ली और बाइक का नंबर पहचान लिया।नंबर: PB08 BX 7914RTO से जानकारी मिलते ही पता चला कि बाइक एक पुराने आदमी के नाम पर रजिस्टर्ड है जो पिछले 10 साल से शहर में नहीं रहते।अर्पित: "मतलब बाइक चोरी की है, या फर्जी नाम से ली गई है। अब हमें असली चेहरे चाहिए।"झाँसा और जालवीर की बहन साक्षी एक एक्टिंग छात्रा थी। उन्होंने उसे तैयार किया और एक महिला बनाकर उसी पार्क में भेजा जहाँ अधिकतर वारदातें होती थीं।साक्षी ने नकली चेन पहनकर पार्क में टहलना शुरू किया। अर्पित और वीर पास के वॉच टावर से सब देख रहे थे।10 मिनट बीते... तभी वही बाइक सवार युवक आए।लेकिन इस बार जैसे ही उन्होंने चेन खींचने की कोशिश की, साक्षी ने शोर मचा दिया और वीर-arpit ने उन्हें दौड़ा लिया।पकड़े गए गुनहगारएक लंबी भागदौड़ के बाद एक युवक पकड़ा गया। दूसरे ने बाइक लेकर भागने की कोशिश की लेकिन CCTV की वजह से उसका चेहरा रिकॉर्ड हो गया।पकड़े गए युवक का नाम था – राजन।राजन को पुलिस के हवाले किया गया। पहले तो वह कुछ नहीं बोला, पर जब अर्पित ने उसे वो सारे वीडियो फुटेज दिखाए, तो वह टूट गया।चौंकाने वाला खुलासाराजन ने बताया कि उसके साथियों का एक छोटा गैंग है जो बाहर के शहरों से आते थे। उनका काम था – टारगेट करना, चेन छीनना और फिर सोना पिघलाकर बेच देना।राजन: "हमें लगता था छोटे शहर में कोई कुछ कर नहीं पाएगा… पुलिस तो बस बयान लेती है।"पुलिस की नींद खुलीअब पुलिस के पास न केवल सबूत थे, बल्कि वो पूरा नेटवर्क सामने था। 4 और युवकों की गिरफ्तारी हुई। एक सुनार को भी पकड़ा गया जो चेन पिघलाने का काम करता था।पुलिस ने वीर और अर्पित को सम्मान पत्र और 25,000 रुपये का इनाम भी दिया।अंत में – संदेशशिवनगर में अब महिलाएं फिर से चैन की नींद सोती हैं।पार्क, मंदिर और बाज़ार में रौनक लौट आई है।वीर: "हमें ये सिख मिल गया कि अगर सिस्टम सो रहा हो, तो जनता को जागना होगा।"अर्पित: "और सही जानकारी और टेक्नोलॉजी से बड़े से बड़ा अपराध भी पकड़ा जा सकता है।"समाप्ति संदेश:“अगर हर मोहल्ले में एक वीर और एक अर्पित खड़ा हो जाए,तो गुनाह की जड़ें खुद ब खुद सूख जाएं।”✍️ लेखक – विजय शर्मा ऐरी