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🌫️ एपिसोड 6 : "रहस्य की परतें खुलती हैं"
⏳ भोर का पहला उजास
मुंबई की सुबह का पहला सूरज धीरे-धीरे आसमान को सुनहरा बना रहा था।
लेकिन अनाया मेहरा के दिल में अंधेरा गहराता जा रहा था।
उसका दिमाग़ लगातार आर्यन की उन अनकही बातों में उलझा था।
"सच कहीं आस-पास है…"
आर्यन की आवाज़ उसकी आँखों के सामने गूँजती रही।
अनाया ने खुद से कहा,
"मुझे आज उस दस्तावेज़ को खोजना होगा। कोई सुराग तो मिलेगा।"
वो चुपचाप ऑफिस से निकल गई।
उसका कदम किसी गहरे रहस्य की ओर बढ़ रहा था।
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🌪️ विवान और रूहानी की चुप्पी
कॉलेज के बागीचे में रूहानी अकेली बैठी थी।
विवान उसकी पास आया, फिर भी उसने दूरी बनाकर बैठा।
दोनों के बीच बिन बोले हजारों सवाल थे।
विवान ने धीरे से कहा,
"रूहानी, तुम्हें सच बताना चाहिए। जो भी कुछ हो रहा है, मैं समझने की कोशिश करूँगा।"
रूहानी की आँखें नम थीं।
"विवान… मैं खुद को भी नहीं समझ पा रही।"
विवान ने उसकी हथेली थामी,
"तुम अकेली नहीं हो। मैं तुम्हारे साथ हूँ।"
रूहानी के होंठों से एक आवाज़ निकली,
"क्या तुम सच में मेरा साथ दोगे?"
विवान ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया।
उनके बीच एक अनकहा वादा पल रहा था।
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🌫️ काव्या का नया सुराग
काव्या ने पुरानी तस्वीर को बार-बार देखा।
बच्ची की मासूम आँखें उसे भीतर से चीर रही थीं।
वो अपने कमरे में ताले लगे अलमारी की ओर बढ़ी।
अलमारी का ताला ज्यों का त्यों पड़ा था।
लेकिन काव्या ने एक पुरानी चाबी निकाल ली थी,
जो उसने पिछले हफ्ते एक रहस्यमयी दुकानदार से खरीदी थी।
चाबी अलमारी के ताले में फिट हुई।
क्लिक…
अलमारी खुली और अंदर से एक धूल भरी किताब बाहर आई।
काव्या ने सांस ली।
पन्ने पलटे तो पुराने अक्षर उभरने लगे – कुछ अजीब सी लिपि में लिखा था।
उसने ध्यान से पढ़ना शुरू किया —
"…जो सच को जाने बिना इस जन्म में चैन नहीं पाएगा, उसकी आत्मा सदियों तक भटकती रहेगी।"
काव्या का दिल तेजी से धड़कने लगा।
“क्या ये मेरा अतीत छुपा रहा है?”
उसने फटी हुई पन्नी पर लिखा —
"अतीत की परछाइयाँ या भविष्य की चेतावनी?"
उसके मन में अनजाने डर की लहर दौड़ गई।
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🌫️ प्रमोद का अतीत और पुरानी गुत्थी
प्रमोद मेहरा ने ऑफिस के उस रहस्यमयी लिफ़ाफ़े को फिर से खोला।
उस पर लिखा था –
"सच छुपाओगे तो अपनों को खो दोगे।"
उसके हाथ कांपने लगे।
वह पुराने दस्तावेज़ को ध्यान से पढ़ने लगा।
25 साल पहले एक मामला हुआ था।
एक रहस्यमयी मौत का।
जिसमें एक लड़की, एक बिजनेसमैन और एक बच्ची के बीच का अजीब सा रिश्ता उभरता था।
प्रमोद ने दस्तावेज़ पर एक फोटो देखा।
चित्र में वही आर्यन था।
लेकिन तब वह एक मासूम बच्चा था।
“क्या आर्यन का यह अतीत भी उस केस से जुड़ा है?”
प्रमोद ने धीरे से कहा।
“मुझे आर्यन से यह सच छुपाना पड़ेगा…”
पर उसकी आत्मा के भीतर एक आवाज़ गूँज उठी —
"छुपाओगे तो खुद खो दोगे।"
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🌒 आर्यन की छुपी यादें
आर्यन अपने पेंटहाउस में गहरे विचारों में डूबा था।
वो पुरानी तस्वीर को बार-बार निहार रहा था।
“क्यों मैं इस लड़की से जुड़ा महसूस करता हूँ?”
उसने खुद से पूछा।
वो मंदिर की सीढ़ियाँ याद आईं,
बारिश की बूंदें याद आईं,
और उस अनजानी लड़की का चेहरा, जो कभी उसके सपनों में आई थी।
वो खुद से चुपके से बोला —
“मुझे याद आ रहा है…
कुछ छुपा हुआ सच जो मेरे भीतर दबा है।
क्या मैं… पिछले जन्म का हिस्सा हूँ?”
आर्यन ने गिलास उठाया, पर फिर धीरे से उसे नीचे रखा।
“मैं सच से भाग नहीं सकता।
अब वक्त है उसे सामना करने का।”
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⚡ अनाया का नया कदम
अनाया ने ऑफिस के पुराने आर्काइव सेक्शन में प्रवेश किया।
वो फाइलों की खिड़कीदार अलमारी के पास खड़ी थी।
उसने धूल हटाई और एक पुरानी फाइल निकाली।
फाइल में उस केस के पुराने रिकॉर्ड्स थे।
जिन्हें प्रमोद छुपाना चाहते थे।
फाइल पलटते-पलटते उसकी नज़र एक पन्ने पर पड़ी —
"विवान मेहरा का परिवार:
विवान, प्रमोद मेहरा, और अनसुलझी मौतें।"
अनाया के हाथ काँपने लगे।
वो फाइल को ध्यान से पढ़ने लगी —
"1995 में मुंबई के एक अमीर व्यापारी की बेटी अनामिका मल्होत्रा की रहस्यमयी मौत…"
फाइल में लिखा था —
"उस मौत से जुड़े कई सवाल,
और एक गुमनाम गवाह…"
अनाया की साँसें थम सी गईं।
“क्या ये मामला मेरे आर्यन से जुड़ा हुआ है?”
उसने एक अजीब सी आशंका महसूस की।
फिर अचानक उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया —
"सावधान रहो, अनाया। सच के बहुत करीब पहुँच रही हो।"
अनाया का दिल तेजी से धड़कने लगा।
वो समझ गई थी कि अब पीछे हटना नामुमकिन था।
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🌫️ विवान की नई खोज
विवान ने पुरानी हवेली की ओर कदम बढ़ाए।
वो जगह जहां पिछले कुछ दिनों से उसे एक अजीब सा खिंचाव महसूस हो रहा था।
विवान ने हवेली के दरवाज़े को धक्का दिया।
दरवाजा चरमराया और खुल गया।
भीतर से एक अजीब सी ठंडी हवा निकल रही थी।
विवान ने अपनी टॉर्च ऑन की।
हर कमरे की दीवारें पुरानी तस्वीरों से भरी थीं।
पर एक तस्वीर उसकी नज़रें रोक ली —
वो वही तस्वीर थी, जो काव्या को मिली थी।
लड़की, आदमी और बच्ची की तस्वीर।
विवान के होंठों से निकला —
“ये तस्वीर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?”
उसने धीरे से फाइल निकाली,
जिसमें उसी केस की जांच से जुड़े नोट्स थे।
नोट्स में लिखा था —
"यह तस्वीर हर पीढ़ी में दोहराई जाती है।
एक रहस्य जिसे समय खुद भूल चुका है।"
विवान का दिल कांप गया।
“क्या मैं भी इस खेल का हिस्सा हूँ?”
उसने पन्ने पलटते हुए एक नाम देखा —
‘अनामिका सेन।’
विवान के होंठ मुस्कुराए —
“अनामिका… मेरी सौतेली बहन।”
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🌒 प्रमोद की आत्मा की बेचैनी
प्रमोद ने खुद से कहा,
“अब छुपाना बेकार है।
सच सामने आएगा।”
वो पुराने दस्तावेज़ को फाड़ना चाहा।
पर फिर रुक गया।
उसके भीतर एक आवाज़ गूँज उठी —
"जो भी सच को छुपाएगा, वह खुद खो जाएगा।"
प्रमोद ने दस्तावेज़ को फिर से संभाला।
“सच का सामना करना ही होगा… चाहे कुछ भी हो जाए।”
वो धीरे-धीरे खिड़की के पास गया।
मुंबई की चकाचौंध रोशनी उसके सामने बिखरी थी,
जैसे उसका अतीत भी धीरे-धीरे उजागर हो रहा हो।
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🌫️ हुक लाइन
अनाया का कदम सच के करीब बढ़ रहा था।
रूहानी और विवान का रिश्ता एक नए मोड़ की ओर बढ़ रहा था।
काव्या की पहचान धीरे-धीरे खुलने लगी थी।
प्रमोद की बेचैनी नए रहस्य का संकेत दे रही थी।
और आर्यन के अतीत का पर्दा खुलने वाला था।
लेकिन एक सवाल अब भी गूँज रहा था…
“क्या ये सब केवल इत्तफ़ाक़ है, या वास्तव में कुछ सदियों पुराना बंधन है?”
👉 अगला एपिसोड जल्द ही… हर परत की गुत्थी खुल जाएगी।