Mere Ishq me Shamil Ruhaniyat he - 8 in Hindi Love Stories by kajal jha books and stories PDF | मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 8

Featured Books
Categories
Share

मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 8

 
🌫️ एपिसोड 8 : "अतीत के साये और वर्तमान की सच्चाइयाँ"
 
⏳ एक अनजानी सुबह का आगमन
 
मुंबई की हल्की धूप अब पूरी तरह से चमकने लगी थी।
पर अनाया मेहरा का दिल, उसके कदमों की तरह, एक गहरे सच की ओर बढ़ रहे थे।
वो उस गुमनाम गवाह की तलाश में थी, जिसने अनामिका मल्होत्रा की रहस्यमयी मौत के पीछे की साज़िश को छुपा रखा था।
लेकिन हर कदम के साथ उसके सामने अतीत के परछाइयों की गहराई और बढ़ती जा रही थी।
 
📱 अनाया ने फिर से वही कॉल रिसीव करने की कोशिश की।
परंतु दूसरी बार भी कोई जवाब नहीं आया।
 
“ये क्या साजिश है?”
उसने खुद से फुसफुसाया।
 
विवान और रूहानी की गहराई में जुड़ती कहानी भी आगे बढ़ रही थी।
रूहानी ने विवान से उस खंडहर हवेली का जिक्र फिर से किया।
“विवान, वहाँ कुछ ऐसा है… जिसे मैं समझ नहीं पा रही। लेकिन मैं जानती हूँ, वो हमें अपने अतीत की गहराइयों तक ले जाएगी।”
 
विवान ने उसका हाथ थामा।
“हम सब मिलकर उस हवेली की परतें खोलेंगे। चाहे जो भी सच सामने आए, हम उसका सामना करेंगे।”
 
⏳ खंडहर हवेली की वापसी
 
अगले दिन दोपहर का समय था।
रूहानी और विवान, साथ में काव्या और अनाया, खंडहर हवेली की ओर बढ़े।
दरवाज़ा पुराना, जर्जर, और खटखटाता हुआ था।
वो हवेली जो सदियों से रहस्यों को छुपाए बैठी थी, अब उनकी आँखों के सामने थी।
 
“तुम सभी तैयार हो?” अनाया ने एक ठंडी आवाज़ में पूछा।
 
विवान ने गहरी साँस ली।
“बिल्कुल। हम इस रहस्य को उजागर करने आए हैं।”
 
काव्या ने अपनी डायरी कस कर पकड़ ली।
“मैं हर सुराग लिखती रहूँगी।”
 
वो चारों धीरे-धीरे हवेली के अंदर गए।
हर कदम के साथ एक अजीब सी ठंडी हवा उनके रोंगटे खड़े कर रही थी।
दीवारें धीरे-धीरे टूटती जा रही थीं, जैसे कोई अतीत से जुड़े खंडहर उन्हें छेड़ रहा हो।
 
📜 हवेली के मुख्य कक्ष में पहुँचते ही अनाया ने ध्यान से एक पुराने दस्तावेज़ की ओर इशारा किया।
“यह वही दस्तावेज़ है, जो प्रमोद मेहरा ने छुपाया था।”
 
विवान ने दस्तावेज़ को ध्यान से उठाया।
“यहाँ लिखा है –
‘1995 में अनामिका सेन की मृत्यु के पीछे एक गहरी साज़िश छुपी है।
एक गवाह ने सबकुछ देखा था।
पर उसका नाम और पहचान सुरक्षित रखी गई थी।’”
 
रूहानी ने कांपते स्वर में पूछा,
“तो वो गवाह कौन था?”
 
📚 काव्या ने अपनी डायरी में लिखना शुरू किया –
“1. अनामिका सेन की हत्या एक सुनियोजित साज़िश थी।
2. गवाह की पहचान किसी ने छुपा रखी थी।
3. प्रमोद मेहरा और आर्यन की संलिप्तता का प्रमाण।”
 
⏳ तभी हवेली की दीवार पर एक छुपा दरवाज़ा खुलने की आवाज़ हुई।
चारों की सांसें रुक गईं।
दरवाज़ा धीरे-धीरे खुला… और एक धुंधला प्रकाश भीतर से बाहर आया।
 
अनाया ने धीरे से कहा,
“क्या हम अंदर जाएँ?”
 
विवान ने निश्चयपूर्वक सिर हिलाया।
“बिल्कुल।”
 
🌪️ गुप्त कक्ष का रहस्य
 
वो गुप्त कक्ष अंधकार से भरपूर था।
दीवारों पर पुरानी तस्वीरें लटकी थीं, जिनमें अनामिका सेन, एक मासूम बच्ची, और कुछ अज्ञात लोग दिखाई दे रहे थे।
पर एक तस्वीर पर सबकी निगाहें टिक गईं।
 
“यह तस्वीर…” रूहानी ने धीरे से कहा।
“यह वही बच्ची है, जो अनामिका सेन की छोटी बहन थी।”
 
काव्या ने आवाज़ में काँपते स्वर में जोड़ा,
“और उसके चेहरे पर एक भयभीत भाव। मानो वो कुछ छुपा रही हो।”
 
अनाया ने दस्तावेज़ के पन्ने पलटे।
“यहाँ लिखा है –
‘प्रमोद मेहरा की चुप्पी का रहस्य इस तस्वीर में छुपा हुआ है।’”
 
विवान ने दीवार पर ध्यान से एक और दस्तावेज़ खोजा।
वो दस्तावेज़ एक साक्षात्कार की प्रति थी, जिसमें लिखा था –
‘गवाह ने बताया कि अनामिका की मौत के पीछे परिवार के भीतर एक साज़िश थी।
पर साक्षात्कारकर्ता का नाम अनामित रखा गया।’
 
“यह गवाह वही है!” काव्या ने चिल्लाया।
“पर कौन? और क्यों?”
 
🚨 तभी हवेली के एक कोने से हल्की आवाज़ आई –
“सच का सामना करने का समय आ गया है।”
 
चारों की निगाहें उस आवाज़ की दिशा में टिक गईं।
पर वहाँ कोई नहीं था।
 
⏳ प्रमोद मेहरा की साज़िश का पर्दाफाश
 
विवान ने अपने जज़्बात को काबू में रखते हुए कहा,
“शायद यही वह संकेत है, जिससे हम उस गवाह तक पहुँच सकते हैं।”
 
अनाया ने फाइल की गहराई में और खोजबीन की।
उसने एक पुराना लेटर पाया –
‘प्रिय अनामिका,
अगर मैं कभी इस दुनिया से चली जाऊँ, तो तुम समझना कि प्रमोद मेहरा ही जिम्मेदार है।
उसने हमारे परिवार की गरिमा को दागदार किया है।
गवाह मौजूद है, पर उसकी पहचान छुपाई गई है।
तुम्हें सच तक पहुँचने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।’
 
रूहानी की आँखों में आंसू भर आए।
“यह लेटर अनामिका ने लिखा था?”
 
काव्या ने धीरे से कहा,
“शायद यही आखिरी सबूत है।”
 
🌒 आर्यन की उलझी पहेली
 
आर्यन हवेली के बाहर खड़ा था।
वो खुद से संघर्ष कर रहा था।
“अनामिका सेन… मेरा अतीत… मेरी पहचान… यह सब कैसे जुड़ा है?”
 
उसने पुरानी डायरी फिर से खोली।
परंतु कुछ पन्ने फटे हुए थे।
एक खाली पन्ने पर अचानक कुछ लिखा दिखा –
“सच को जानने से भागना मुमकिन नहीं।
तुम्हें अपनी रूहानी पहचान से सामना करना होगा।”
 
आर्यन की आँखें चमक उठीं।
“अब मैं छुप नहीं सकता।”
 
⏳ रहस्य की अंतिम परतें
 
चारों मित्र खंडहर हवेली में एक-दूसरे की आँखों में संकल्प के साथ खड़े थे।
विवान ने कहा,
“यह समय है, उस गवाह का नाम उजागर करने का।”
 
अचानक हवेली की दीवार से एक आवाज़ गूंजने लगी –
“सच की परतें खुल रही हैं…
पर तुम्हें उसके पीछे छिपे खतरों से भी सामना करना होगा।”
 
अनाया ने अपनी पूरी हिम्मत जुटाई।
“हम तैयार हैं।”
 
काव्या ने लिखा –
“यह कहानी अब हमारे हाथ में है। सच के पीछे छुपा अतीत, हमें अपनी किस्मत से मिलवाएगा।”
 
🚨 हुक लाइन
 
विवान, अनाया, काव्या, रूहानी और आर्यन की राहें अब एक गहरे सच की ओर अग्रसर थीं।
पर एक अंतिम सवाल गूंज रहा था –
“क्या ये रहस्य उनके अतीत से जुड़े बंधनों का परिणाम था,
या एक अनजानी ताकत की साज़िश?”
 
👉 अगला एपिसोड जल्द ही… जब सच और साज़िश के बीच का पर्दा पूरी तरह से हटेगा।