Mere Ishq me Shamil Ruhaniyat he - 7 in Hindi Love Stories by kajal jha books and stories PDF | मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 7

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मेरे इश्क में शामिल रूहानियत है - 7

🌫️ एपिसोड 7 : "सदियों पुरानी गुत्थियाँ"

 
⏳ धुंधली सुबह की हल्की चुप्पी
 
मुंबई के ट्रैफिक की हलचल धीरे-धीरे शुरू हो रही थी।
पर अनाया मेहरा का दिल अब भी भारी था।
उसके कदम उसी पुराने दस्तावेज़ की ओर बढ़ रहे थे, जो उसके आर्यन से जुड़े अनसुलझे सवालों का जवाब था।
 
वो धीरे-धीरे ऑफिस के आर्काइव रूम में गई।
हर फाइल, हर दस्तावेज़ उसकी आँखों के सामने किसी रहस्य की तरह लग रहे थे।
उसने फाइल में लिखी हुई बातें फिर से पढ़ी –
"1995 में अनामिका मल्होत्रा की रहस्यमयी मौत… एक गुमनाम गवाह… विवान मेहरा का परिवार।"
 
अनाया की आँखें चमक उठीं।
“क्यों मैं इस गवाह तक नहीं पहुँच पा रही?”
उसके दिल में एक अनजानी बेचैनी थी।
 
उसी समय, उसके फोन पर एक कॉल आया।
वो संकोच करते हुए कॉल रिसीव करने लगी।
📱 "अनाया, सतर्क रहो। जो सच छुपा हुआ है, वह सामने आने को बेकरार है…"
– एक अज्ञात आवाज़।
 
अनाया के हाथ काँप गए।
“कौन… बोल रहा है?” उसने घबराई हुई आवाज़ में पूछा।
लेकिन कॉल कट चुका था।
 
उसने गहरी सांस ली।
“अब पीछे हटने का कोई रास्ता नहीं।”
 
 
---
 
🌪️ विवान और रूहानी की गहरी बातचीत
 
रूहानी अपने कमरे की खिड़की पर बैठी थी।
बाहर की हल्की बारिश की बूँदें उसकी आँखों की तरह नम थीं।
 
विवान धीरे-धीरे कमरे में आया।
"रूहानी, तुम्हें सच बताना चाहिए। जो भी दर्द है, मैं सुनने को तैयार हूँ।"
 
रूहानी ने आँसू पोछते हुए कहा,
"विवान, मैं डरती हूँ… यह सब मेरे लिए बहुत भारी हो गया है।"
 
विवान ने उसकी आँखों में देखकर कहा,
"डर नहीं। मैं तुम्हारा साथ दूंगा। चाहे जो भी हो जाए।"
 
रूहानी ने धीरे से कहा,
"शायद हम दोनों… एक अतीत से जुड़े हैं।"
 
विवान ने चौंककर पूछा,
"कैसा अतीत?"
 
रूहानी ने स्वर धीमा करते हुए कहा,
"एक ऐसा अतीत… जिसे मैं समझ नहीं पा रही।
कुछ खंडहर हवेली में छुपा हुआ है।
जहाँ से हर सुराग शुरू हुआ था…"
 
विवान ने संकल्पपूर्वक कहा,
"कल हम उस हवेली जाएंगे। सब कुछ साफ होगा।"
 
उनकी आँखों में अनकहा वादा चमक उठा।
 
 
---
 
🌫️ काव्या का अतीत खुलता है
 
काव्या ने किताब के पन्ने और ध्यान से पढ़े।
उसमें छिपा था एक पुराना किस्सा –
 
"…वह बच्ची जो तस्वीर में थी, दरअसल अनामिका सेन की छोटी बहन थी।
अनामिका की मौत के पीछे कोई गहरे साज़िश का खेल था।"
 
काव्या ने खुद से कहा,
“अनामिका सेन… रूहानी की सौतेली बहन।
क्या यही वजह है कि हमारी किस्मतें आपस में उलझी हैं?”
 
वो तुरंत अपने डायरी में कुछ लिखने लगी –
"1. अनामिका सेन की मौत की गुत्थी में अनजानी कहानी।
2. प्रमोद मेहरा की चुप्पी और दस्तावेज़।
3. आर्यन का भटकता अतीत।"
 
काव्या का दिल तेजी से धड़कने लगा।
उसने निर्णय लिया –
"मैं इस गुत्थी को खुद सुलझाऊंगी।"
 
लेकिन तभी उसकी खिड़की पर कोई खड़ा था।
साया…
उसने धीरे से कहा,
"बहुत देर हो चुकी है, काव्या। सच को छुपाना अब नामुमकिन है।"
 
काव्या ने खौफ से पीछे हटते हुए पूछा,
"कौन… आप कौन हैं?"
पर साया बिना जवाब दिए गायब हो गया।
 
 
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🌫️ प्रमोद मेहरा की मनोदशा
 
प्रमोद मेहरा ऑफिस में अकेला था।
उसने पुराने दस्तावेज़ को फिर से पढ़ा।
“अनामिका सेन की मौत… आर्यन का अतीत…
क्या ये सब मेरे परिवार को खतरे में डाल देगा?”
 
उसने दस्तावेज़ को फिर से आलमारी में रख दिया।
पर मन में एक आवाज़ गूँज उठी –
"सच का सामना करना ही मुक्ति की कुंजी है।"
 
प्रमोद ने धीमे स्वर में कहा,
“अब छुपाना बेकार है। मैं आर्यन से ये सच नहीं छुपा सकता।”
 
उसने मोबाइल उठाया और एक मैसेज लिखा –
“आर्यन, तुम्हें अपने अतीत की परतें खुद खोलनी होंगी।
कोई और नहीं, केवल तुम।”
 
लेकिन जैसे ही उसने भेजने का बटन दबाया,
वो मैसेज खुद-ब-खुद गायब हो गया।
 
प्रमोद के होंठ हिलते रहे, पर आवाज़ नहीं निकली।
 
 
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🌒 आर्यन की उलझी पहचान
 
आर्यन अपने कमरे में खड़ा था।
वो पुरानी तस्वीर को बार-बार देख रहा था।
"क्यों मैं अनामिका सेन का नाम बार-बार सुनता हूँ?"
उसने खुद से कहा।
 
वो मंदिर की सीढ़ियों की याद ताजा हो आई।
वो चेहरा – मासूम, पर गहरे दर्द से भरा।
 
आर्यन ने खुद से वादा किया –
“मैं सब कुछ जानूँगा। चाहे अतीत में छिपा कोई भयानक सच क्यों न हो।”
 
उसने गहराई से सांस ली।
"अब मैं पीछे नहीं हट सकता।
यह समय है अपने अतीत की गुत्थी खोलने का।"
 
वो अपने पुराने डायरी को खोला।
हर पन्ना जैसे उसकी आत्मा से जुड़ा हुआ था।
पर एक पन्ना था, जिसमें लिखा था –
"जिसने इस कहानी को पढ़ा, उसे सच का हिस्सा बनना ही होगा।"
 
आर्यन के चेहरे पर ठंडी मुस्कान थी।
“शायद… मैं अपनी रूहानियत का पता लगा ही रहा हूँ।”
 
 
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⚡ हुक लाइन
 
अनाया का कदम सच के बहुत करीब था।
रूहानी और विवान का रिश्ता एक नए मोड़ पर था।
काव्या की पहचान की परतें धीरे-धीरे खुल रही थीं।
प्रमोद की बेचैनी एक अनजाने सच की ओर इशारा कर रही थी।
आर्यन की गुत्थी का पर्दा अब खुलने को था।
 
लेकिन एक सवाल गूंज रहा था…
“क्या यह सब केवल इत्तफ़ाक़ है,
या सदियों पुराना बंधन जो उन्हें आज भी जोड़ रहा है?”
 
👉 अगला एपिसोड जल्द ही… जब अतीत के साये और वर्तमान की सच्चाइयाँ एक साथ टकराएंगी।