भाग 6: "जब प्यार और जंग टकराएँ"
(जहाँ पुराना दोस्त कल का दुश्मन भी हो सकता है… और कल का दुश्मन ही कल का सबसे बड़ा सहारा)
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📍 स्थान: मुंबई का अंडरग्राउंड सेफहाउस, दिल्ली का पुराना रेलवे यार्ड (फ्लैशबैक), पुणे का युद्ध-प्रशिक्षण शिविर (2007 का समय)
📅 तारीख: 19 फरवरी 2031
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⏳ पिछले भाग की स्मृति:
आरव, जिसे सब “मृत” समझ बैठे थे, असल में कैप्टन विराट राठौड़ की मदद से जिंदा है। अब उसका मिशन साफ है - 1999 की आश्रम आग और PROJECT RAAHAT के मास्टरमाइंड, गृह मंत्री श्रीकांत देशमुख का अंत।
अनन्या सच के साथ खड़ी है… लेकिन आरव के तरीक़ों से डर भी रही है।
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🌒 नये किरदार की आहट
मुंबई के सेफहाउस में एक नक्शा फैला था - दिल्ली के पॉवर कॉरिडोर, सुरक्षा कवच, और मंत्री के मूवमेंट का हर मिनट का डेटा।
विराट नक्शे पर लाल मार्कर से पॉइंट्स बना रहा था कि तभी दरवाज़ा खुला और एक लंबा, पतला, हल्की दाढ़ी वाला शख्स अंदर आया।
विराट ने मुस्कुराते हुए कहा -
> "आ गया… हमारी टीम का दिमाग। आरव, मिल - ये है अरमान अंसारी।"
आरव ने उस चेहरे को देखा… और जैसे अतीत का दरवाज़ा खुल गया।
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⏳ फ्लैशबैक - 2007, पुणे का सैन्य-प्रशिक्षण शिविर
आरव और अनन्या उस समय 10-11 साल के थे। PROJECT RAAHAT के तहत पहचान बदलने के बाद उन्हें अलग-अलग जगहों पर रखा गया था।
आरव को पुणे के एक “स्पेशल रेसिडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम” में भेजा गया था - आधिकारिक तौर पर यह गरीब बच्चों के लिए शिक्षा थी, लेकिन असल में यह गुप्त युद्ध-प्रशिक्षण शिविर था।
वहीं उसकी मुलाक़ात हुई अरमान अंसारी से - एक बेहद तेज दिमाग वाला लड़का, जो किताबें ऐसे पढ़ता था जैसे उनमें से भविष्य निकाल सकता हो।
पहली मुलाकात में ही अरमान ने आरव से कहा -
> “तेरे हाथों में सिर्फ ताकत है, लेकिन दिमाग के बिना ताकत बस शोर मचाती है। अगर बचना है, तो ताकत और सोच को एक साथ चलाना सीख।”
आरव ने पहले उसे नापसंद किया, पर धीरे-धीरे अरमान ही उसका सबसे करीबी दोस्त बन गया।
जब बाकी बच्चे शारीरिक अभ्यास में थक कर सो जाते, ये दोनों रात में दीवार के पीछे बैठकर तारों के नीचे बातें करते -
आरव अपनी आज़ादी के सपने बताता, और अरमान उस सिस्टम की साजिशें समझाता जिसमें वे फंसे थे।
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🌌 फ्लैशबैक का अंत - वापसी वर्तमान में
सेफहाउस में, अरमान ने नक्शे को गौर से देखा, फिर शांत आवाज़ में बोला -
> “तुम दोनों का गुस्सा सही है… लेकिन गुस्से से योजना नहीं बनती।
अगर हम देशमुख को सीधे मार देंगे, तो वो ‘शहीद’ बन जाएगा। हमें उसकी सच्चाई ऐसे उजागर करनी होगी कि लोग खुद उसके खिलाफ उठ खड़े हों।”
विराट ने बीच में टोका -
> “समय नहीं है, अरमान। चुनाव से पहले उसे गिराना ज़रूरी है।”
आरव ने अरमान की तरफ देखा -
> “तू वही है जो बचपन में था - सोचता है कि सबको बचा सकता है। लेकिन मैंने देखा है… कुछ लोगों को खत्म किए बिना बदलाव नहीं आता।”
अरमान ने धीमी पर सख्त आवाज़ में कहा -
> “और मैंने देखा है, तेरे जैसे लोग अपने मकसद में इतने डूब जाते हैं कि वो खुद वही बन जाते हैं जिससे लड़ रहे थे।”
अनन्या दोनों की बहस देख रही थी।
उसे लग रहा था जैसे उसकी आंखों के सामने दो रास्ते खड़े हैं -
एक, जो आग और खून से होकर जाता है (आरव का रास्ता)…
दूसरा, जो सच और सबूत से होकर जाता है (अरमान का रास्ता)।
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💔 प्यार की दरार
रात को, अनन्या और आरव अकेले छत पर खड़े थे।
अनन्या ने कहा -
> “अगर तू सिर्फ मारने निकला है… तो मैं तेरे साथ नहीं रह पाऊंगी।”
आरव ने उसकी आंखों में देखा -
> “तो फिर मत रह… लेकिन अगर मैं नहीं रुका, तो ये दुनिया रुक जाएगी।
तू चाहती है कि हमारी आने वाली पीढ़ी भी राख में खेले?”
अनन्या ने कोई जवाब नहीं दिया।
बस चुपचाप वहां से चली गई… और आरव ने पहली बार महसूस किया कि उसकी जंग शायद उसके प्यार को भी निगल जाएगी।
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🕵️ योजना का पहला कदम - दिल्ली जाने का फैसला
अरमान ने नक्शे पर एक बिंदु दिखाया -
> “ये मंत्री के प्राइवेट आर्काइव का लोकेशन है - यहां 1999 की आग और PROJECT RAAHAT के सारे सबूत होंगे। अगर ये बाहर आ गए, तो बिना गोली चलाए हम जीत सकते हैं।”
आरव ने सिर हिलाया, पर उसकी आंखों में साफ था - वह अब भी “सिर्फ सबूत” पर भरोसा नहीं करेगा।
विराट ने कहा -
> “हम तीनों दिल्ली चलेंगे - लेकिन याद रखना, वहां दुश्मन सिर्फ मंत्री नहीं, पूरा सिस्टम होगा।”
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⚡ भाग 6 का अंत - जंग की पूर्व-घोषणा
दिल्ली के लिए निकलने से ठीक पहले, आरव ने अपने पुराने टैबलेट में एक वीडियो रिकॉर्ड किया -
> “देशमुख, तूने हमें बच्चों से मोहरा बनाया… नाम मिटाए… और सोचा कि हम डर कर जीएंगे।
अब हम तेरे शहर आ रहे हैं… और इस बार, खेल तेरे घर में होगा।”
वीडियो अपलोड होते ही पूरे देश में #ProjectRaahat ट्रेंड करने लगा।
मंत्री के ऑफिस में हड़कंप मच गया।
और दिल्ली की ठंडी हवा में, एक अनदेखी जंग की गंध फैलने लगी।
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🔜 अगला भाग (Part 7): “राजधानी की दीवारें”
> दिल्ली, जहां सच को सबसे ऊंची दीवारों में कैद रखा जाता है।
आरव, अनन्या, अरमान और विराट - चार लोग, एक मिशन, और शहर जो उनके हर कदम पर नजर रखेगा।
📖 Part 7 - जल्द ही…