फिर गांडीव जैसा धनुआ उठाने वाला,
अर्जुन सा लक्ष्यभेदी तीर हमें चाहिए।
देश को प्रधान मान जान भी लुटा सकें जो,
तात्या टोपे जैसी शमसीर हमें चाहिए।।
दुर्बल सी कदकाठी हाथ में उठाए लाठी,
फिर गांधी जैसा वो फकीर हमें चाहिए।
अश्व को विदारे असवार को भी मारे,
महाराणा फिर शूरवीर हमें चाहिए।।
भरत सिंह रावत भोपाल