#Expression शब्दों का ज़हर

तेरे शब्दों में घुला है जहर इस कदर ,
कि निशब्द हो गए हैं ,
सुनके तेरी जुबान का ये कहर ।

तेरे दिल में जहर भरा है मेरे लिए इस कदर ,
कि सांप का डंक का असर भी कम लगे,
जो तेरे शब्दों ने किया है इस दिल पर असर ।

जिसको मैंने समझा था अपना हमदर्द ,
वो दर्द की दवा में , जहर दे गया ।
सलाहकार बन मेरा ,
मेरे रिश्तो को विषैला कर गया ।

मंथरा बन , मेरे ह्रदय में विश घोल गया ,
अपने हृदय का विष मुझको दे गया ।
जो अपनों से भी ज्यादा नजदीक थे रिश्ते ,
उनको दूर कर गया ।
राम चरित्र मानस स्वरूप मेरे कुटुम में,
महाभारत का युद्ध छेड़ गया ।

Hindi Poem by Deepti Khanna : 111354533

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now