परेशानियों के सिकंजे में फसकर हस रहा हूं।
सच जानता हुआ झूठ सुनकर हस रहा हूं।।
दूसरो से झूठ बोलकर मुझे बचाने की उनकी कशिश,
मुझ से झूठ बोलकर खुद को बचाने की उनकी कशिश।
शिकारियों के चंगुल में फसी शेरनी को देख हस रहा हूं,
खुद की मौत के आगे खास की फ़िक्र देख हस रहा हूं।।