आंखों में आसूं ओ का काजल लगा कर फिरती हूं।
तूं नहीं है साथ मे मैं तेरी यादों के साथ चलती हूं।
मैं आज भी तुझे तुझसे ज्यादा प्यार करती हूं।
शीशे के सामने जब भी ठहेरती में तेरी यादों में संवरती हु।
पलकों में छुपाकर तुझे हररोज ख्वाब में सझाती हूं।
तुझसे जुडी हर बात को आज भी मैं याद करती हूं।@