Hindi Quote in Motivational by Prabodh Kumar Govil

Motivational quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

कोरे कागज़ पर ग़लत इबारत!
एक बच्चे को घर में सिखाती है एक मां।
सौ बच्चों को स्कूल में सिखाता है एक टीचर।
लाखों बच्चों को नगर - नगर में सिखाती हैं फ़िल्में।
लेकिन हमारी फ़िल्मों ने अपनी इस अहमियत को कभी गंभीरता से नहीं लिया।
छी छी छी...क्या - क्या सिखा दिया!
ख़ैर, ये वक़्त फ़िल्मों से लोगों की शिकायत का नहीं है। इस समय तो हम बात कर रहे हैं फ़िल्मों के एक सबसे ज्यादा जिम्मेदार उस तबके की, जिसे गीतकार कहा जाता है। यही व्यक्ति हवा में कल्पना की एक ज़मीन बिछाता है जिस पर फिल्म के गीतों का पूरा महल खड़ा होता है।
गीतकार की लिखी चार लाइनें संगीत की चाशनी के साथ घर- घर में मिठास घोलती हैं और उन्हें गाने वालों की स्मृतियों को सालों- साल जीवित रखती हैं। उनके लिखे बोल जन- जन की ज़बान पर चढ़ जाते हैं।
देश आज़ाद होने के बाद जब लोग अंग्रेज़ी के प्रभाव से निकल कर हिन्दी को अपना रहे थे तो गर्व से कहा जाता था कि हिंदी फ़िल्में हिंदी को गांव - गांव तक पहुंचा रही हैं और लोकप्रिय बना रही हैं।
हिंदी के समर्थक कहा करते थे कि अंग्रेज़ी में तो सबको "यू" कह दिया जाता है चाहे वो बड़ा हो, छोटा हो, या बराबर का हो। पर हिंदी में सबके लिए अलग - अलग शब्द हैं, जैसे बड़ों के लिए "आप", बराबर वालों के लिए "तुम" और छोटों के लिए "तू" !
पर कुछ फ़िल्मी गीतकारों ने सब चौपट कर दिया।
वो लिखते थे- "हम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे हैं, तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ।" भाई जब 'तेरे प्यार में' लिखा है तो आगे भी ' तू कहता है ' लिखना था न ! या फ़िर पहले ही 'तुम्हारे प्यार में' लिखते।
पहली लाइन में लिखते हैं - धीरे - धीरे बोल कोई सुन ना लेे, फ़िर आगे लिखते हैं - बातों के बदले आंखों से लो काम... "लो" क्यों, "लेे" क्यों नहीं? या फ़िर पहली लाइन में -धीरे - धीरे बोलो...
उन्होंने तो लिख दिया लेकिन लोगों के दिमाग़ से वो फ़र्क मिटा दिया जिस पर हिंदी वाले गर्व करते थे।
अब तीन पीढियां गुज़रने के बाद भी ये गफ़लत लोगों में ख़ूब देखी जाती है।

Hindi Motivational by Prabodh Kumar Govil : 111418480
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now