#रोशनी
जगमगाती रोशनियों के बीच भी अंधेरा महसूस करता हूँ..
भरी महफ़िलो में भी खुदको तनहा महसूस करता हूँ.
लाती हो लबों पे झूठी मुस्कान मेरे लिए..
तेरे अनकहे उन लफ्ज़ो को महसूस करता हूँ
तू छा गयी है मुझ में कुछ युंह.. कामिनी
तेरी झील सी इन आँखों से टपकता हुआ दर्द महसूस करता हूँ

Hindi Blog by Kaamini : 111445111
Kaamini 4 years ago

🙏🙏😊😊 aapka bht bht dhanywad sirji.

करुनेश कंचन.. 4 years ago

वाह बहुत खूब...!!!...जो शब्द कहे नहीं गए,जो अनकहे हैं...उन्हीं की बोली में तरलता है,माधुर्य है,वही है प्रतीति योग्य,अहसास योग्य.....👌👌👌

Kaamini 4 years ago

Tq All Of You

Sangita 4 years ago

आँखें ही दिल का आइना होता हे

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