मैं इजहार ए इश्क भी क्या करता
चार दिन के उम्र में क्या-क्या ठिक करता।

जेब खाली उङान आसमान वाली में
चाहकर भी कितना खूद को दरबदर करता।

रूहानी इश्क को आखिर अल्फ़ाज़ क्या देता
अपनी घुटन में तुम्हें क्यों बर्बाद करता।

दुआ मेरी जब मुक्कमल होती हीं नहीं
फिर क्यों किसी चौखट पर सर पटकता।

अब तू हीं बता "अनंत" आसमां को ज़मीं कब तक कहता
चार दिन के उम्र में क्या-क्या ठिक करता।

#अनंत

-Anant Dhish Aman

Hindi Shayri by Anant Dhish Aman : 111765731

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