तुम समंदर सी हो....
उसमें ये दरिया सा मन!
सफर लम्बा है रस्ता कठिन,
मगर सच यह भी है......
की मिलना तो एक दिन है तुममें ही,
फांसले हैं अभी तो क्या हुआ...,
दिल की दूरी नहीं है तनिक भी हममें।
हरबाधा को पार कर लेंगे,
किसी रोज एक दिन आकर तुम्हें वर लेंगे।।
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Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111791874

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