फैलने! के लिए जहां भी कम पड़ जाती है.......
और फूलने! के लिए इक कोना ही काफी होता है।
#जिन्दगी_और_मै
#जिंदगी_जो_तुने_सिखाया
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111799813

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