लिखूं क्या........?
लिखूं क्या? की जो तुम मुस्कुरा जाओ।
मुरझाये मनकली को, खिला जाओ।।
लिखूं दूं क्या? पहचान क्या है तुम्हारी।
लिखूं क्या? की इस दिल में, जागीरदारी है तुम्हारी।।
लिखूं क्या? हरवक्त-हरजगह, तुम ही तुम छाये रहते हो।
लिख दूं क्या? उन अनकहे भावों को, जो तुम दबाए रहते हो।।
क्या लिखूं? की, खुद ही खुद को बरगलाये रहते हो।
क्या लिखूं? वो दर्द, जो सीने में छुपाये रहते हो।।
कहो भी तो सही लिखूँ क्या?, क्या हर बात बताये रहते हो?.....
#क्यालिखें
#तुम्हीं_कहो
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन