जय श्री राधेकृष्ण 🙏🌺🙏जय माधव🙏🌺🙏
मनुष्य अपने कर्मो के फल को नियंत्रण करने का सदा प्रयत्न करता है अपने कर्मो के फल को अपनी इच्छा से प्राप्त करने का प्रयास करता है किंतु जब पासे जब हाथ मे आते है तो जुआरी बिना खेले रह नही पाता 🤦🙆वो ये जान ही नही पाता कि उसने पासे( दारू,चोरी,जुगार) को नही बांधा पासो ने उसको बांध लिया है ।
जीवन मे भी मनुष्य सदैव यही सोचता रहता उसे उसके कर्मो का उचित फल मिलेगा या नही ये चिंता नही करता कि ये कर्म करने का उचित समय है या नही?
मनुष्य जब सफलता की यात्रा पर होता है तब वो आसमान में दौड़ता है इसी लिये जब निष्फलता जब मिलती है तो वो मंदिर की ओर दौड़ता है ओर फिर सफलता मिलते ही उसे स्वयम पर विश्वास होने लगता है वास्तव में उसका संपूर्ण विश्वास न स्वयं पर होता है न ईश्वर पर वो दौड़ता रहता है यहाँ से वहां वहाँ से यहाँ 😂🤦🙆किंतु जीवन कोई युद्ध सभा तो नही .....कि केवल सामने बैठा व्यक्ति ही खेल रहा हो हमारी दृष्टि मर्यादा के पार भी अनेक लोक है जो अपने अपने दाव खेल रहे है उनका प्रभाव भी हम पर पड़ता है इसी लिये 🌺परिणाम पर नही कर्म पर अधिकार रखने का प्रयास करो🌺🌿 जो जितने के लिये कर्म करता है उसे सफलता निष्फलता का डर रहता है उसे दोनो मिलते है जो केवल लीला करता है यानी कि जहाँ न विजय का मोह हो न पराजय का डर केवल जीवन जीने का आनंद केवल आनंद ...ॐ🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩