ए खुदा रहमत ए दिल से सुनवाई करदे,
जहां को जहन में एक पल नजरकैद करदे।

नादान दिल जब गुजरे तब रंगीन सफ़र का याद भरदे,
इन नजारों में दिखे ऐसे कोई ख्वाब पैदा करदे।

जज्बात सोचे हो एैसे मंजर को कायम करदे,
काटो वाले फूलों में महकती हवाएं भरदे।

छोटे से दिल में एक प्यार की चिंगारी भरदे,
ग़लत रास्तों से मेरी रिहायत का सौदा खड़ा करदे।

जब गिलासिकवा मेरी बातो से हो तो मुझे दर्द अदा करदे,
पर इस कहानी की तकदीर में मेरे साथ उसकी जिंदगी करदे।

हो सके तो मेरी जिंदगी को उसकी जिंदगी में बाट दे,
इन लम्हों से निकले पल पल की बातो को हरभरा करदे।

ना हो हमारी जिंदगी का हिस्सा तो मुझे मौत का किरदार देदे,
तू चाहे तो चाहत से दुनिया में इश्क़ का पैग़ाम करदे।

तू चाहे तो हर पल मेरा उसके लिए रख ले,
मेरी खुशियों में उसकी खुशियों को हक बया करदे।

Hindi Poem by Dear Zindagi : 111816120

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