मैं और मेरे अह्सास

माता के दरबार में जो है जाता मनचाहा पाता l
उसके दर से कोई भी ख़ाली हाथ न लौटता ll

माता की कृपा सब पर बरसे ओ हो बेड़ा पार l
आशीर्वाद से झोली भरके ही वापिस आता ll

घर घर माँ की पूजा हो धरा बन जाए स्वर्ग l
दर्शन करने वाला हर भक्त माँ के गुण गाता ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111927425

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