हर कर्ज मोहब्बत का अदा करेगा कौन,
जब हम नहीं होंगे तो वफा करेगा कौन,
या रब मेरे महबूब को रखना तू सलामत,
वर्ना मेरे जीने की दुआ करेगा कौन
💞इमरान 💞

Hindi Shayri by Imaran : 111929239

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