फिर किसी मोड़ पर ✍🏻
फिर किसी मोड़ पर ज़रूर मुलाक़ात होगी
कहाँ आँसुओ की सौग़ात होगी
नये लोग होंगे नयी बात होगी
में हर हाल में मुसकुराता रहूँगा अगर तुम्हारी मोहब्बत साथ होगी
जुदा हो जाएँगे एक रास्ते पर हम दोनों
फिर भी किसी नये दिन अनजान में ही मुलाक़ात होगी
मेरी ख़ुद्दारी और वफ़ादारी हमेशा तुम्हारे साथ होगी
तमना तुम्हारी मुझे हमेशा रहेगी
सफ़र में अकेले क्यों ना होंगे
पर तुम मेरे दिल में हमेशा आबाद रहोगे
धोका में नहीं दूँगा यह वादा है मुसाफ़िर
अगर तुमने दे दिया तो ख़ुदा माफ़ ना करे तुम्हें मुसाफ़िर
चिराग़ो को आँखो में महफ़ूज़ रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी
पर सवेरा होगा यह बात भी होगी
मुसाफ़िर हूँ में भी और तुम भी
फिर किसी मोड़ पर ज़रूर मुलाक़ात होगी