“सितारा हो तो ऐसा हो”
कृष्ण घर नंद के आये
सितारा हो तो ऐसा हो
करें सब प्रेम से दर्शन
दुलारा हो तो ऐसा हो || टेक ||
बकासुर को मसल डाला
पूतना जान से मारी
कंसको केश से खेंचा
खिलारा हो तो ऐसा हो ||
कूद पानी के अंदर से
नाग को नाथ कर लाये
चरण फणफण पे धर करके नचारा हो तो ऐसा हो ||
तीर जमुना के जाकर के
बजाई बंसरी मोहन
चली घर छोड़ ब्रजनारी
पियारा हो तो ऐसा हो ॥
रचाई रास कुंजन में
मनोहर रूप बनकर के
देव दर्शन को चल आये
दीदारा हो तो ऐसा हो ||
गये जब छोड़ गोकुल को
नहीं फिर लौटकर आये
सखी रोती रही वन में
किनारा हो तो ऐसा हो ||
पुरी द्वारावती जाकर
महल सोने के बनवाये
ह्जारो रानियाँ ब्याही
पसारा हो तो ऐसा हो ||
कुरू पांडव लड़े रण में
जीत अर्जुन की करवाई
बचाई लाज द्रुपदी की
सहारा हो तो ऐसा हो ||
उतारा भार भूमी का
सिधाये धाम अपने को
वो ब्रम्हानंद दुनिया से
नियारा हो तो ऐसा हो ||
🙏🏻
- Umakant