✤┈SuNo┤_★_🦋
गिरा दो उन पर्दों को अब जिसने
छुपा रखा है दर्द,
ये कैसा हिजाब है, जो बढ़ा
रहा है दर्द,
बहुत सह ली ये खामोशी बहुत
जी लिए अंदर ही अंदर,
अब तो खोल दो लबों को बयाँ
कर दो हर दर्द,
ये आँसू जो रुके हैं ये चुभन जो
दबी है,
निकलने दो इनको बाहर, रिहा
कर दो हर दर्द,
न रखो अब किसी से उम्मीद न
कोई मरहम लगाएगा,
खुद ही हो जाओ अपने हकीम
खुद ही हर लो हर दर्द,
ये रातें जो जागी हैं, ये आहें जो
निकली हैं,
इनको आज़ाद कर दो तुम, कम
कर दो ये दर्द,
छिपाने से कहाँ मिटता है, ये तो
और बढ़ता है,
बहा दो अश्कों की नदियाँ, धो
डालो हर दर्द..🔥
╭─❀🥺⊰╯
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh 😊°
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